भक्ति साधना (आरती साधना)

 

वंदनीय दादा ने शुरुआती दौर में श्री पंत महाराज के आशीर्वाद से भक्तिसाधना सिद्ध की. श्री पंत महाराज रचित 93 पद ,श्री साई समाधि मंदिर, शिरडी में विभिन्न प्रहर में गाये जानेवाले 22 पद, जेष्ठ दिवंगत गुरुबंधु श्री मोहन कसबेकर लिखित 20 पद तथा अन्य 8 पद - सभी मिला कर कुल 145 पदों को इस साधना में समाविष्ट किया गया है. दादा ने लगभग 35 वर्षों तक भक्तों की उपस्थिति में नियमित रूप से इन पदों का गायन किया. केवल झांज के ठेके पर इन पदों को गाया जाता था. आगे 'दादा' के निर्वाण के उपरांत ,अर्थात वर्ष 1991 के बाद उनके भक्तों द्वारा लिखित किसी भी पद को इनमें सम्मिलित नहीं किया गया.

श्री पंत महाराज जब भावातीत अवस्था में इन पदों को गाते थे तब उनके समक्ष उपस्थित भक्तों को नादब्रह्म और शब्दब्रह्म की अनुभूति प्राप्त होती थी. इन सभी पदों को दादा ने विविध धुनों में स्वरबध्द किया तथा उन्हें श्री पंत महाराज से मान्यता दिलाई. दादा स्वयं जब इन पदों को गाते थे तब भी उपस्थितों कों ऐसी ही अलौकिक अनुभूति प्राप्त होती थी. इन सारे पदों को स्वर- ताल- लय में ही प्रस्तुत करने का दादा का आग्रह था.

कुछ अभ्यास करने के पश्चात मुझे यह प्रतीत हुआ कि इन पदों की धुने एक निश्चित प्रमाणित स्वर-ताल-लय में निबद्ध किये बगैर सभी सामान्य साधकों को अलौकिक अनुभूति प्राप्त नहीं हो सकती. दादा के समक्ष ऐसे विचार प्रस्तुत करने पर उन्होंने तत्काल मुझे इस दिशा में प्रयास करने की अनुमति प्रदान की. यह घटना वर्ष 1982 की है. तत्पश्चात् आनेवाले दिनों में इन पदों की स्वर- ताल- लय में निबद्ध धुनों को प्रमाणित कराने में कई प्रयोग करने पड़े और वर्ष 2008 में मेरी अपनी आवाज में इन सभी पदों को ध्वनि मुद्रित किया. परन्तु मुझे स्वयं अपनी आवाज में अपेक्षित गानकौशल्य के दर्जे का अनुभव नहीं हुआ. इसीलिये उसके बाद 5 वर्षों तक इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जी जान से प्रयास किये और कई नामी गायकों से संपर्क किया. तब भी इस दिशा संतोषजनक प्रगति नहीं हुई. अंततः युवा पीढ़ी के प्रसिद्ध गायक श्री संजीव चिम्मलगी ने इस आह्वान का स्वीकार किया और दादा का आशीर्वाद 31 वर्षों की दीर्घ कालावधि के पश्चात फलीभूत हुआ. इस तरह हमें परमपूज्य साईबाबा के श्रद्धा और सबूरी के उपदेश का प्रमाण मिला.
भक्ति साधना के अंतर्गत 'भक्ति प्रेम लहरी' नामक शीर्षक से 145 पदों की 5 ऑडीओ सीडीज का प्रकाशन दि 6. अक्तूबर 2013 के दिन , श्री पंत महाराज बालेकुन्द्री के श्री दत्त संस्थान की ओर से प्रायोजित कार्यक्रम में सफलता पूर्वक किया गया. इस संपुट के निर्माण की कुछ विशेष बातें -

1) स्वरसिद्धि - शास्त्रीय संगीत का विधिवत प्रशिक्षण लिए बगैर ही दादा ने लगभग 37 रागदारी में पदों को स्वरबद्ध किया था.

2) युवा पीढ़ी के प्रसिद्ध गायक श्री संजीव चिम्मलगी ने परिश्रम पूर्वक और अभ्यासपूर्ण तरीके से हृदयस्पर्शी आवाज में इन्हें प्रस्तुत किया है.

3) 145 पदों के लिए कुल 12 घंटे की रिकार्डिंग करना भी एक विराट चुनौती पूर्ण कार्य है. एक ही निर्माता,एक ही गायक, वही संगतकार तथा एक ही रेकार्डिंग स्टूडियो में केवल 8 महीनों में यह उत्तम दर्जेदार निर्माण संपन्न हुआ. यह अपने आप में एक उपलब्धि मानी जा सकती है. ऐसे निर्माण में लगभग रुपये 12 से 15 लाख का खर्च होता है.

4) भक्तिसाधना की विशिष्टता है. श्रोताओं को अंतर्मुख कर देने वाले बार-बार सुनने और गुनगुनाने को मन करे ऐसे पद, जिनमे कम से कम वाद्यों का प्रयोग किया गया है. इसके कारण पदों का तत्वबोध सीधे हृदय को छू जाता है. इन पदों का स्थायी भाव शांत रस का है. जिससे कई लोगों को तनाव दूर होने का अनुभव हुआ है. एक ही गायक द्वारा सारे पद गाये जाने के कारण गायन शैली का सातत्य बरकरार है. इन भक्तिगीतों का पाठ अंतर्मन की शुद्धि के लिए अत्यंत उपयुक्त है. ये समूह में गाये जाने योग्य भी है. और हर उम्र के श्रोताओं को पसंद आते है.

भक्ति साधना में केवल इन पदों को सुनना अपेक्षित नहीं है. बलकि हरेक साधक को चाहिए कि इन पदों को स्वर-ताल-लय में अपनी आवाज़ में गायें और यदि आवाज़ साथ न दे तो केवल गुनगुनाने का नियमित रूप से प्रयास करें. इन पदों में प्रवाहित तत्वबोध तभी ह्रदय में प्रवेश कर पायेगा और अंतर्मन की शुद्धि के लिए कार्यान्वित होगा. भक्ति साधना साधक का आत्मिक विकास करनेवाली तथा अपने कर्म विमोचन स्वयं करने हेतु वंदनीय दादा ने श्री पंत महाराज के आशीर्वाद से सिद्ध की हुई एक अत्यंत प्रभावी साधना है.

कुछ चुनिंदा पदों की झलक ऑडियो -विडिओ माध्यम से इसी विभाग में आगे प्रस्तुत है.

सभी श्रोताओं और साधकों भक्तिसाधना का अधिक से अधिक लाभ मिले यही हमारी सदगुरु चरण में प्रार्थना है.

 
 
ऑडियो -विजुअल के लिए यहाँ क्लिक करे >  
 
145 पदों में से चुनिंदा 50 पदों की ऑडियो झलक
 
१. नित्य निरंजन १८. लागो रे तुझे ३५. गुरुवरा प्रभुवरा
     
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२. माय बाप तुम्ही १९. तु करी उच्चारण ३६. श्री गुरु हे आले गृही
     
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३. भक्ती मज देई २०. येई येई बाळ अवधूता ३७. सदगुरु जीवन
     
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४. अज्ञ अधीर २१. कोण तू देवा ३८. गोदावरी तिरी
     
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५. वर्णू किती उपकार २२. काय मागू तुझ ३९. तुझ सगुण म्हणू की
     
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६. दत्तगुरु माझे आई २३. दीन दयाघन ४०. जीस दुनिया मे
     
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७. शेवट गोड करी २४. चिंता करु नको काही ४१. जोडोनिया कर
     
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८. जन्मोजन्मी २५. सगुण मुर्ती मनोहर ४२. उठा उठा श्री साईनाथ
     
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९. मानव देही २६. दत्त माझे भाव ४३. घेऊनी पंचारती
     
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१०. गुरुचरणाचा २७. क्षणोक्षणी विसरतो ४४. रेहम नझर करो
     
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११. दर्शनासी का गा २८. देवा गुरुराया ४५. प्रभात समयी
     
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१२. दत्त नामाचा गजर करा २९. तुझीया चरणी ४६. आरती साईबाबा
     
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१३. तुची माता पिता ३०. प्रपंच हा परमार्थ ४७. अनंता तुला ते
     
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१४. जैसा भाव ३१. तुज करीता मी ४८. ऐसा येई बा
     
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१५. धीर धरवेना ३२. दत्तप्रभो देई भेटी ४९. आता कृपा करा
     
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१६. धाव पाव रे ३३. धरीता गुरुपाऊले ५०. मनोहर ध्यान
     
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१७. दिगंबर मुर्ती ३४. सदया गुरुराया    
       
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